देखते हैं सब हवेलियों का रूतबा नींव के पत्थर कौन देखता है! पीछे छूट गए हैं जो कारवाँ मुड़कर वो मंज़र कौन देखता है! देखते हैं सब हवेलियों का रूतबा नींव के पत्थर कौन देखता है पीछे छूट गए हैं जो कारवाँ मुड़कर वो मंज़र कौन देखता है OPEN FOR COLLAB✨ #ATinspiringpiece • A Challenge by Aesthetic Thoughts! ✨