"वो जो मिला था मुझे खो गया है कहीं" वो हँसता तो है लेक़िन पहले जैसा नहीं, वो जो कहता था मैं भूलता किसी को नही, आज भुल गया है जैसे जानता किसी को नही, "वो जो मिला था मुझे खो गया है कहीं" वो जो बिखर गया है अब मुझ में इत्र सा कहीं, वो जो जागता है नींदों में अब ख़्वाब सा कहीं, मैं फ़क़ीर उसकी कुर्बत का ढूँढ़ता उसे फिर से कहीं, "वो जो मिला था मुझे खो गया है कहीं" वो जो घुल गया है स्याही सा मेरी क़लम में कहीं, वो जो है मेरे लफ्ज़ों के हर्फ़ में एहसाह सा कहीं, वो जो मिल गया है मेरी सांसो में धड़कनों सा कहीं, "वो जो मिला था मुझे खो गया है कहीं" — Kumar✍️ ©Kumar #वो_खो_गया_है_कहीं #NojotoWriter #नोजोटोओरिजनल indira ..SShikha..