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रमजान में खुल जाते हैं जन्‍नत के दरवाजे, हर दुआ हो

 रमजान में खुल जाते हैं जन्‍नत के दरवाजे, हर दुआ होती है कुबूल

डेली5न्यूज(इकबाल राजा)रमजान का पवित्र महीना चल रहा है. हर त्योहार मनाने के पीछे कोई वजह होती है. आइए जानते हैं रमजान के पवित्र माह का महत्व.

क्यों मनाते हैं रमजान?
इस्लाम में रमजान के महीने को सबसे पाक महीना माना जाता है. रमजान के महीने में कुरान नाजिल हुआ था. माना जाता है कि रमजान के महीने में जन्नत के दरवाजे खुल जाते हैं. अल्लाह रोजेदार और इबादत करने वाले की दुआ कूबुल करता है और इस पवित्र महीने में गुनाहों से बख्शीश मिलती है.

मुसलमानों के लिए रमजान महीने की अहमियत इसलिए भी ज्यादा है क्योंकि इन्हीं दिनों पैगम्बर हजरत मोहम्मद साहब के जरिए अल्लाह की अहम किताब ‘कुरान शरीफ’ (नाजिल) जमीन पर उतरी थी. इसलिए मुसलमान ज्यादातर वक्त इबादत-तिलावत (नमाज पढ़ना और कुरान पढ़ने) में गुजारते हैं. मुसलमान रमजान के महीने में गरीबों और जरूरतमंद लोगों को दान देते हैं.
 रमजान में खुल जाते हैं जन्‍नत के दरवाजे, हर दुआ होती है कुबूल

डेली5न्यूज(इकबाल राजा)रमजान का पवित्र महीना चल रहा है. हर त्योहार मनाने के पीछे कोई वजह होती है. आइए जानते हैं रमजान के पवित्र माह का महत्व.

क्यों मनाते हैं रमजान?
इस्लाम में रमजान के महीने को सबसे पाक महीना माना जाता है. रमजान के महीने में कुरान नाजिल हुआ था. माना जाता है कि रमजान के महीने में जन्नत के दरवाजे खुल जाते हैं. अल्लाह रोजेदार और इबादत करने वाले की दुआ कूबुल करता है और इस पवित्र महीने में गुनाहों से बख्शीश मिलती है.

मुसलमानों के लिए रमजान महीने की अहमियत इसलिए भी ज्यादा है क्योंकि इन्हीं दिनों पैगम्बर हजरत मोहम्मद साहब के जरिए अल्लाह की अहम किताब ‘कुरान शरीफ’ (नाजिल) जमीन पर उतरी थी. इसलिए मुसलमान ज्यादातर वक्त इबादत-तिलावत (नमाज पढ़ना और कुरान पढ़ने) में गुजारते हैं. मुसलमान रमजान के महीने में गरीबों और जरूरतमंद लोगों को दान देते हैं.
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रमजान में खुल जाते हैं जन्‍नत के दरवाजे, हर दुआ होती है कुबूल डेली5न्यूज(इकबाल राजा)रमजान का पवित्र महीना चल रहा है. हर त्योहार मनाने के पीछे कोई वजह होती है. आइए जानते हैं रमजान के पवित्र माह का महत्व. क्यों मनाते हैं रमजान? इस्लाम में रमजान के महीने को सबसे पाक महीना माना जाता है. रमजान के महीने में कुरान नाजिल हुआ था. माना जाता है कि रमजान के महीने में जन्नत के दरवाजे खुल जाते हैं. अल्लाह रोजेदार और इबादत करने वाले की दुआ कूबुल करता है और इस पवित्र महीने में गुनाहों से बख्शीश मिलती है. मुसलमानों के लिए रमजान महीने की अहमियत इसलिए भी ज्यादा है क्योंकि इन्हीं दिनों पैगम्बर हजरत मोहम्मद साहब के जरिए अल्लाह की अहम किताब ‘कुरान शरीफ’ (नाजिल) जमीन पर उतरी थी. इसलिए मुसलमान ज्यादातर वक्त इबादत-तिलावत (नमाज पढ़ना और कुरान पढ़ने) में गुजारते हैं. मुसलमान रमजान के महीने में गरीबों और जरूरतमंद लोगों को दान देते हैं.