माँ सरस्वती माँ शारदे.. अज्ञानीओ को ज्ञान से है तार दे.. हंस वाहिनी वीणा वादिनि, अज्ञानता में ज्ञान का नव संसार दे.., माँ शारदे.. माँ शारदे... भगवती माँ शारदे.. कष्ट हरणी माँ ज्ञान दाहिनी, मुख प्राणियों के कंठ है विराजते, बसंत ऋतु आई है मां बसंत में पधारते, माँ आगमन का ऋतु भी प्रमाण दे, तुम्हीं माता सरस्वती हो तुम्हीं माता भगवती, दास की है विनती माँ विनती स्वीकार दे.. अंधकार में माँ ज्ञान का प्रवाह दे.. तार दे.. मां तार दे.. कंठ है विराजदे..! ©Manak desai खम्मा घणी सा राम राम सा ❣️🤗🙏 बसंत पंचमी के इस पावन पर्व की आप सभी को अनेकानेक हार्दिक शुभकामनाएं ❣️🤗🙏 ये तस्वीर है माँ सरस्वती मंदिर का राजस्थान सिरोही जिले में अजारी गाँव का जो कि कहीं और नहीं है ❣️🤗🙏 माँ शारदा कहूं या सरस्वती है तो एक ही माँ भगवती...❣️🙏🙏🙏🙏🙏 माँ जिसके भी कंठ बिराजे उसका तो जीवन सफल हो जाएं... बसंत ऋतु कितनी निराली है ना इस समय हर कोई पेड़ पौधा भी स्वागत के लिए तत्पर होता है माँ के और फिर पूराने पत्ते त्यागकर नये पत्ते आते हैं, और फिर वो खेतों में लहराती सरसों की फसल 😍😍😍😍😍😍😍😍😍 कुछ शब्दों की त्रुटी के लिए क्षमा कीजिएगा,