एक मंजर था तुझे देख बिना वजह मुसकाया करते थे तू मेरी है इस ख्वाब से ही हम अकेले में खूब इतराया करते थे थोड़े घने बादल क्या आए मानो सारे जज्बात बदल गए कल तक हम उनके अजीज थे अब दिल के मरीज बन गए सामने थी वो मेरे फिर भी मानो अब तक की सबसे दूरी पे जा बैठी थी मेरे हाथ उसके हाथों तक चाह के भी ना पहुंच सके दिलों के जो हाल थे वो दिलों में ही रह गए कुछ कहने से जायदा दोनो को खामोशी सी भाने लगी थी प्यार की जो हवा थी अब कुछ और ही कहानी बताने लगी थी क्या फिर ये दो दिल ये फासले तय कर पाएंगे ये इश्क का रस्ता नहीं आसान इसे साथ चलके अपने प्यार को मुकमल बना पाएंगे ©Anjii #Affection