सबब बेरूखी का बताओ जरा नज़र से नज़र तो मिलाओ जरा मैं बैठी हूं राहों में पलकें बिछाए सदा सुनके तुम पास आओ जरा ये कैसा नशा है तेरे रंग-ओ-बू में दीवाना ए दिल को बताओ जरा मनजीत शर्मा 'मीरा' ये कैसा नशा है 💕