इश्क अगर करना भी चाहू तो तेरी न से कतराता हूँ मैं हर रविवार तेरे लिए गुलाब लाता हूँ और पास में रखी चाय की प्याली के साथ सारा इजहार पी जाता हूँ तुम ऐसी ही तो अच्छी लगती हो इसलिए तारीफ में पागल कह जाता हूँ वो अलग बात है जो गुलाबी चुनर तुम्हे सबारती है तुम्हारी हंसी तुम्हे अंदर से निखारती है मैं मजबूत बनना भी चाहू तो तुम कंधे पर रखकर हाथ एहसास जगाती हो आजकल तो तुम भी मुझसे एकतरफा इश्क लाड़ाती हो मैं न सकूगा शुरूआत कहने की तुम ही मेरे छुपाकर रखे गुलाबो को माँगकर इजहार कर दो बड़े दिनो से जो सोच रहा हूँ उतनी हसीन यह इतवार की शाम कर दो तुम मेरे हाथो को चूमकर मुझे अपने नाम कर दो #NojotoQuote