दिल में दफ़न है कई जज़्बात, वो जज़्बात क्या कहे.. आप खुद ही समझ जाइए कुछ बात, हर बात क्या कहे.. छुपे है दिल में ना जाने कितने राज, वो राज क्या कहे.. दिल ने कहाँ कह ही दो आज, पर आज क्या कहे.. छूटा है जब से मेरे हाथों से तेरा हाथ, तेरा साथ क्या कहे.. आँखों में कैद है अश्कों की बरसात, वो बरसात क्या कहे.. दिल में दफ़न है कई जज़्बात, वो जज़्बात क्या कहे.. आप खुद ही समझ जाइए कुछ बात, हर बात क्या कहे.. गोविन्द पन्द्राम #क्या कहे