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चाची हर मौसम की अपनी बात है, वैसे ही मेरी चाची खास

चाची
हर मौसम की अपनी बात है,
वैसे ही मेरी चाची खास है।
नए तौर तरीके सिखाती है ,
आज भी मुझे आप केहके बुलाती है।
सूर ताल की जिन्हें समझ है,
पेंटिंग भी जिन्हें पसंद है।
इनके कॉफी की बात निराली ,
हर कोई पीना चाहे हर बारी ।
सब के बर्थडे एनिवर्सरी का इन्हे इंतज़ार है
हर बार से अलग मनाना जो खास है।
खाने के लिए डपट है लगती,
मां के बराबर प्यार लुटाती।
अपनों के खिलाफ सुन नहीं पाती,
परिवार को अपनी ताक़त बताती ।
हर वक़्त मुस्कुराई और हमे हसाई ,
चाची के रूप में मैंने एक और मां पाई।



                                   -Sonal Tulsyan chachi
चाची
हर मौसम की अपनी बात है,
वैसे ही मेरी चाची खास है।
नए तौर तरीके सिखाती है ,
आज भी मुझे आप केहके बुलाती है।
सूर ताल की जिन्हें समझ है,
पेंटिंग भी जिन्हें पसंद है।
इनके कॉफी की बात निराली ,
हर कोई पीना चाहे हर बारी ।
सब के बर्थडे एनिवर्सरी का इन्हे इंतज़ार है
हर बार से अलग मनाना जो खास है।
खाने के लिए डपट है लगती,
मां के बराबर प्यार लुटाती।
अपनों के खिलाफ सुन नहीं पाती,
परिवार को अपनी ताक़त बताती ।
हर वक़्त मुस्कुराई और हमे हसाई ,
चाची के रूप में मैंने एक और मां पाई।



                                   -Sonal Tulsyan chachi

chachi