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सुबह (صبح) चिड़ियाँ चहकी,दिनकर जागा। हुआ  सवेरा,

सुबह (صبح) 
चिड़ियाँ चहकी,दिनकर जागा।
हुआ  सवेरा, तम  है  भागा।।
आलस्य त्याग, प्राणी सारा।
सौ  पतंगें, एक  है  धागा।।

नव स्फूर्ति, तन में जगाता। 
राग भैरवी, सबको सुनाता।।
जो है गम के, सिंधु में डूबे। 
हरि उसके मन को हर्षाता।। 
कुन्दन "कुंज "
पूर्णिया, बिहार

©KUNDAN KUNJ #kavikundan 
#kundankunj 

#stay_home_stay_safe
सुबह (صبح) 
चिड़ियाँ चहकी,दिनकर जागा।
हुआ  सवेरा, तम  है  भागा।।
आलस्य त्याग, प्राणी सारा।
सौ  पतंगें, एक  है  धागा।।

नव स्फूर्ति, तन में जगाता। 
राग भैरवी, सबको सुनाता।।
जो है गम के, सिंधु में डूबे। 
हरि उसके मन को हर्षाता।। 
कुन्दन "कुंज "
पूर्णिया, बिहार

©KUNDAN KUNJ #kavikundan 
#kundankunj 

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