मुझे तो विसंगतियों को ख़त्म करना है। धर्म और दर्शन का पुनर्जन्म करना है। बताऊं कि अब तक विष पढ़ते आए हो, मुझे बस उन शब्दों में अमृत भरना है। संकल्प बड़ा लेकर प्रयास भी करना है। संघर्षों के अग्निपथ पर पैदल चलना है। मार्यादा का मूल्य बता जीवन को सबके, सामाजिक और संस्कारित भी करना है। 👉 ये हमारे द्वारा आयोजित प्रतियोगिता संख्या - 8. है, अाप सभी को दिए गए शीर्षक के साथ Collab करना है..! 👉 आप अपनी रचनाओं को आठ पंक्तियों (8) में लिखें..! 👉 Collab करने के बाद Comment box में Done जरूर लिखें, और Comment box में अनुचित शब्दों का प्रयोग न करें..! 👉 प्रतियोगिता में भाग लेने की अंतिम समय सीमा कल सुबह 11 बजे तक की है..!