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मेरे अंदर का शोर, कभी बातों में, कभी गुस्से में, क

मेरे अंदर का शोर,
कभी बातों में, कभी गुस्से में,
कभी आंसुओं में बहाता हूं।
बार-बार वही करता हूं,
और जब वो बहाने के बदले,
बस बहाने बन जाते हैं,
तब पता चलता है, ऐसे तो
मैं कई बार उसे थोड़ा और बढ़ाता हूं।
पर जब-जब शोर को शब्दों में ढालता हूं,
तब लगता है जैसे शब्दों को आवाज देकर,
बदले में उनकी थोड़ी सी खामोशी मांग लेता हूं। 🧡🧡
#innernoise #chaos #peaceofmind #release #writing #beingwriter #hindipoems #grishmapoems
मेरे अंदर का शोर,
कभी बातों में, कभी गुस्से में,
कभी आंसुओं में बहाता हूं।
बार-बार वही करता हूं,
और जब वो बहाने के बदले,
बस बहाने बन जाते हैं,
तब पता चलता है, ऐसे तो
मैं कई बार उसे थोड़ा और बढ़ाता हूं।
पर जब-जब शोर को शब्दों में ढालता हूं,
तब लगता है जैसे शब्दों को आवाज देकर,
बदले में उनकी थोड़ी सी खामोशी मांग लेता हूं। 🧡🧡
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