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बरसात की अगुवाई है,याद मधुर साथ लाई है। मिट्टी की

बरसात की अगुवाई है,याद मधुर साथ लाई है।
मिट्टी की सौंधी खुशबू ने अपनी सहभागिता निभाई है।

तारो पे लटकी बारिश की बूंदें, प्रकृति हो आँखो को मुंदे।
शांत सुंदर सा देखो पोखर, थोड़ा लगा हो हृदय को ठोकर।

याद तुम्हारी आई है,घटा यू घन पे छाई है।
आसमान में बिखरे काले बादल,जैसे तुम्हारे बालो का चादर।

टपकती ये बरसात की बूंदें, हृदय मंडल की आस की बूंदें।
मन ये अकुलाई है,फिर क्यू ये बरसात आई है।

प्रकृति ने मौज मनाई है,अपनी तो आफत लाई है।
ये बरसात आई तो आई,क्यू याद तुम्हारी लाई है।

एक तरफ कर्तव्य बड़ा हो,राष्ट्रहित सदैव खड़ा हो।
ये बरसात की छोटी बूंदे, हौसले मेरे ना मूंदे।

माँ की झीनी आँचल ने,छत ये मेरी बनाई है।
मातृ-भूमि की गोद में, बदलो की ये रुशवाई है।

बरसात की अगुवाई है,याद मधुर साथ लाई है.......।

―@D बरसात की अगुवाई है।

#OneSeason
बरसात की अगुवाई है,याद मधुर साथ लाई है।
मिट्टी की सौंधी खुशबू ने अपनी सहभागिता निभाई है।

तारो पे लटकी बारिश की बूंदें, प्रकृति हो आँखो को मुंदे।
शांत सुंदर सा देखो पोखर, थोड़ा लगा हो हृदय को ठोकर।

याद तुम्हारी आई है,घटा यू घन पे छाई है।
आसमान में बिखरे काले बादल,जैसे तुम्हारे बालो का चादर।

टपकती ये बरसात की बूंदें, हृदय मंडल की आस की बूंदें।
मन ये अकुलाई है,फिर क्यू ये बरसात आई है।

प्रकृति ने मौज मनाई है,अपनी तो आफत लाई है।
ये बरसात आई तो आई,क्यू याद तुम्हारी लाई है।

एक तरफ कर्तव्य बड़ा हो,राष्ट्रहित सदैव खड़ा हो।
ये बरसात की छोटी बूंदे, हौसले मेरे ना मूंदे।

माँ की झीनी आँचल ने,छत ये मेरी बनाई है।
मातृ-भूमि की गोद में, बदलो की ये रुशवाई है।

बरसात की अगुवाई है,याद मधुर साथ लाई है.......।

―@D बरसात की अगुवाई है।

#OneSeason

बरसात की अगुवाई है। #OneSeason