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#OpenPoetry हो जाऊं जरूरी नहीं कि मै किसी के लिए

#OpenPoetry हो जाऊं

जरूरी नहीं कि मै किसी के लिए जरूरी हो जाऊं
पर डर है कि ,ना किसी की कहानी अधूरी हो जाऊं

जिस ध्वनि को सुन के रूठी राधा मान जाती थी
मै बस कृष्ण की वो बांसुरी हो जाऊं

यूं तो चलते रहना ही जीवन है , मगर ठहरू तो 
मै शिमला ,नैनीताल ,उंटी , मसूरी हो जाऊं

उम्मीद इतनी सी है कि कम से कम 
दिन भर खून पसीना एक करते , मजदूर की मजूरी हो जाऊं

झूठ छुपाए फिर रहा हूं ,दिल में ना जाने कितने
सच कह सकने की काश ,मै बहादुरी हो जाऊं

फ़िराक़(गोरखपुरी)की फिराक में रह कर भी ,फ़िराक़ होना मुमकिन नहीं
कम से कम मै ऐसा तो लिखूं , कि गौरव गोरखपुरी हो जाऊं #OpenPoetry हो जाऊं #nojotohindi #nojotogorakhpur
#OpenPoetry हो जाऊं

जरूरी नहीं कि मै किसी के लिए जरूरी हो जाऊं
पर डर है कि ,ना किसी की कहानी अधूरी हो जाऊं

जिस ध्वनि को सुन के रूठी राधा मान जाती थी
मै बस कृष्ण की वो बांसुरी हो जाऊं

यूं तो चलते रहना ही जीवन है , मगर ठहरू तो 
मै शिमला ,नैनीताल ,उंटी , मसूरी हो जाऊं

उम्मीद इतनी सी है कि कम से कम 
दिन भर खून पसीना एक करते , मजदूर की मजूरी हो जाऊं

झूठ छुपाए फिर रहा हूं ,दिल में ना जाने कितने
सच कह सकने की काश ,मै बहादुरी हो जाऊं

फ़िराक़(गोरखपुरी)की फिराक में रह कर भी ,फ़िराक़ होना मुमकिन नहीं
कम से कम मै ऐसा तो लिखूं , कि गौरव गोरखपुरी हो जाऊं #OpenPoetry हो जाऊं #nojotohindi #nojotogorakhpur