सुनो क्या फिर से वहीं गीत गुनगुना सकते हो , पीछे छूट गया जो भी कारवां अपना , क्या लौट के वापस आ सकते हो , ख्वाहिशों को इतना भी मजबूर नहीं किया था हमने , गर उनको उज्वलित कर हमें, रोशनी की छटा क्या फिर से दिखा सकते हो । #स्वातिकीकलमसे । #Nojotosayri#swatikikalamse #poetrywriterswatisoni #best writers