अकेले राब्ता मुसलसल सुर्ख़ यादों से संग में शोख़ होती है मोहतबर बातों से अज़नबी लोग मिलते हैं चाय यारी सिखाती है अकेली राह पर रहबर कभी मुन्सिफ़ मिलाती है सफ़र यों सबका तन्हा है साथ सबसे निभाती है मोहब्बत नाम है सलीक़ा जीने का सिखाती है #toyou#yqmoon#yqilovetea#teatalks#withyou#yqwithme