याद करने पर आजकल हिचकियां नही आती, ख़यालों की बज़्म में यादें राह...छोड़ भी नही जाती! अज़ीब कशमकश है कभी मुण्डेरों पर कौऐ बोलते थे आने के लिए, और आज कौऐ भी ना रहे एहसासों को जगाने के लिए.... वक़्त इतना भी क्यों बदल गया या लोग ही बेगाने हो गए...... ©kumar ramesh rahi #यादें #बदलाव #हिचकियाँ #ख़यालों #कशमकश #एहसासों #वक़्त #kumarrameshrahi #touchthesky