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हम भि रोते है मगर किसि को कहते नहि हमारे भि सिने म

हम भि रोते है मगर किसि को कहते नहि
हमारे भि सिने मे दिल है कोई पत्थर जैसे भि नहि
फर्क ईतना है आंखो मे आसु हम लाते नहि
और कोई क्यु समझे हमारे आंसुवो को
 कोई ईतना अपना भि नहि
और ये वफा मोहब्बत प्यार बकवास है
 कोई ईन्मे से अपना नहि
पैसा है तो सब अपना है वरना कोई अपना नहि
मोहब्बत वफा बस एक हि सच्चि है वो मां बाप 
ईन्के जैसा कोई भि नहि 
अए दोस्त हम भि रोते है मगर किसि से कहते नहि

©Anwar Anwar Hu yaar
  Hum bhi rote hai magar kisi ko kuch kahte nahi

Hum bhi rote hai magar kisi ko kuch kahte nahi #विचार

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