प्रेम बड़ा सताता है जिया बड़ा घबराता है क्या कहें किससे कहें कुछ समझ नहीं आता है जिसको प्रेम हो जाता है चारों तरफ प्रेमी नज़र आता है कोई कितना ही फिर समझाता है इश्क़ का भूत उतर नहीं पाता है जो कहते प्रेम पागलपन्ती है उनकी भी कुछ नहीं चलती है प्रेम में तो दिल की ही चलती है आँखों में प्रिय की मूरत बसती है! 🌹 दीदी का चैलेंज स्वीकार किया है 😀 #yopodimo की शुरुआत करते हैं कविता के बिल्कुल बेसिक से फॉरमैट से। जैसे नर्सरी में बच्चे पढ़ते हैं। मछली जल की रानी है जीवन उसका पानी है हाथ लगाओ तो डर जाएगी