१. गुंजाइश रहती है रात के बाद दिन की नींद में सपनों की भीड़ में किसी अपने की!! २. गुंजाइश रहनी चाहिए तकरार के बाद मनुहार की गुस्से में भी प्यार की दुश्मनी में भी दोस्ती की और खाने के बाद मीठे की!! ३. गुंजाइश जरूरी है नाउम्मीदी में हौसले की आँसू में भी हँसी की अँधेरे में उजाले की मौत के मुहाने पर ज़िन्दगी की।। -तोषी शर्मा #गुंजाइश#उम्मीद#हौसला