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चातक की चाहत चेष्टन स्वाति की बूँद, पावक प्रमोदरत

चातक की चाहत चेष्टन स्वाति की बूँद,
पावक प्रमोदरत पपीही नयन नति भी मूँद !
कि कल्पनाशील कलपा करे कृपा को....
पातक चिरसुप्त जतन,विकार वलन वृत्ति वजूद!!:)

©RAVINANDAN Tiwari
  #sunrisesunset 
#हल्के_कलम