नारी है वो बहन है वो, बेटी है वो,माँ है वो,पत्नी वो है नारी है वो,शक्ति का स्वरुप है जो दुर्गा काली का रूप दुश्मनों पर भारी है वो अबला ना समझ तू इसे अबला ना थी ,ना है,ना होगी कभी वो ममता से भरी जीवित मूरत है वो त्याग और विश्वास की पूर्ण गंगा सी सूरत है जो फूलों से लदे उपवन सी,तो कभी बहती नदी सी मुस्कुराती है वो नारी है वो।। Deepa Solanki #Happy International Women's day