मायूस हालात हैं मेरे , पर मायूस नहीं मैं । रूठी हैं ज़िन्दगी मुझसे , पर रूठी नहीं मैं ॥ मुसीबतों का पहाड़ है सामने , पर हारी नहीं मैं । गुमसुम सा है ये वक्त फिर भी , गुमसुम नहीं मैं ॥ अमावस की सर्द भरी रात में भी, झिलमिल तारों सी मैं । तुफानों में भी खुश और , खिलखिलाती मासूम कली मैं ॥ ©Poetrybysnehapritam मेरी नई कविता #स्नेहाप्रीतम #स्नेहाप्रीतमकीकविता #स्नेहाप्रीतमकीशायरी #allalone