मजदूर कभी रोटी के लिए अपनों में बंट जाना , कभी रोटी के लिए रेल से कट जाना... मजदूर होने की मजबूरी में सफेद चादर ओढ़ सो जाना , बस इतना ही है पेट के मारों का सिमट जाना... हम मजदूर है साहब क्या हमे यूंही बलि जाना ?? 😢..... #India Surjit sabir😍😎 #sad😢 #human🕴️