कभी वो छुपाते रहे कभी हम छुपाते रहे कभी वो मनाते रहे कभी हम मनाते रहे ये छुपने छुपाने के दौर मनने मनाने के मोड़ सबकुछ बदलते चले गए हर दिन ओर शाम ढलते चले गए मगर प्यार आज भी ऐश मेरा वही दीवारों पर लिखा है वही गली के कोने पर तुम्हारी राह में खड़ा है कभी आओ तो मुश्कुरा कर देख लेना दीवारों की ओर सुकून से मिटने को तैयार हर शब्द तेरे दीदार को अडा है