White इंसानियत.... दिखा एक बच्चा, जिसके आखो मे ख्वाब थे, मगर माथे पे मजदूरी थी., कलम की जगह, हथोडी थामे, रोटी की बस बजबूरी थी... दुसरी और वो दौलत का मालीक, शौक मे हर सिक्का बहाए., इल्म् से खाली, मगर दुनिया के आगे इतराए... बन जा रहबर उस उजाले का, जो हुनर को मंजिल दिखाए., मोहब्बत से आगे बढ, और इंसानियत का फर्ज निभाए..... राह बना और उसके ख्वाबो को फिरसे उडान दे., जिंदगी के इस सूने सफर मे उसे एक नयी पहचान दे..... __यश पाटील (अग्यार) ©Yash Patil (Aghyaar) #GoodMorning #HumanityForAll