कुछ कौंधता है अन्दर-ही-अन्दर, कुछ रौंदता है अन्दर-ही-अन्दर "हिमांश" जो ये चमक है बाहर दुनियाभर भर की, वो जलती रहती है कहीं-न-कहीं अन्दर-ही-अन्दर॥ ©Himanshu Tomar #ईर्ष्या #जलन #inside #jealousy #your_success #Success #Truth #सत्य #कटु_वचन