जिसे आखिरी समझा उसकी शुरुआत थे हम, सर्द रात के बेमतलब बरसात थे हम, बिखरा जब टूट कर सीसे की तरह, पता चला की किसी के झूठे जज्बात थे हम। ©rupesh sharma जिसे आखिरी समझा उसकी शुरुआत थे हम, सर्द रात के बेमतलब बरसात थे हम, बिखरा जब टूट कर सीसे की तरह, पता चला की किसी के झूठे जज्बात थे हम। #rupeshsharma #RupeshSharma #MySun