हवस की आग बुझानी है......👹 अजी थोड़ा खुलकर,बेधड़क, बेझिझक बोलिए ज़रा इन सब मुद्दों पर, ये हमारी तुम्हारी झिझक,लापरवाही दुनिया को बहुत महंगी पड़ रही है, जिंदगियां तबाह हो रही है लाखों रोज़,सपने उजड़ रहे है करोड़ों यहाँ, मिलकर लड़ो इससे सब,क्यों हर रूह इससे अकेले अकेले लड़ रही है, क्यों खुद को औरों की देखा देखी इसके हवाले कर दिया हरेक ने, हमारी झिझक,शर्म हमारे ही मुँह पर रोज़ तमाचे जड़ रही है, हर जिंदगी ,खुशी,सपनों को यूहीं निगल रही है यह हवस की आग, 'हमें क्या?'से छुटकारा नहीं होगा,यह आग तुम्हारी ओर भी बढ़ रही है, बचने का तरीका यही है कि दुनिया को झूठ की नींद से जगाना पड़ेगा, जिम्मेदारी लो पाकीज़गी की सब,क्यों जनता एक दूसरे पर दोष मढ़ रही है, अजी सनक चाहिए दुनिया को पलटने के लिए,बहुत है हमारे सबके पास, कुछ थोड़े ही सही शुरुआत तो करो ज़रा,क्यों जुबान गले मे अड़ रही है, #yqbaba। #yqdidi #हवस_की_आग #झिझक