सजा क्यों दे रहे हो हमको भूल क्या हुई है हमसे पहले क्या कम परेशां थे अब मर रहे है तेरे गमसे ठप हो गया जन जीवन है लोग गये है सारे थमसे माफ करो अब जाने दो पानी तुम नाराज हो हमसे ।। त्राहि त्राहि मची हुई है हो रहा है हाहाकार देख क्यों नही पा रही क्या अंधी है सरकार सहेंगे कब तक लोग यहां होकर के लाचार सुन क्यो नही पा रही है ये दुखीयों के गुहार ।। पानी पानी हर जगह है चलने को कोई नाव नही है पुछने भी कोई आता कैसे शायद यहां चुनाव नही है दर्द भरा है बेहद इसमे भर जाए ये ऐसा घाव नही है हाल पूछते कैसे हमसे नेता जी को कोई चाव नही है ।। #bihar #poem #poet #writer #pen #nojoto #hindi #urdu