#OpenPoetry उदास जागती आँखो के ख्वाब लाया हूँ मैं पत्थरो मे छुपा के गुलाब लाया हूँ! जो हो सके तो तन्हाईयो मे पढ लेना तुम्हारे वास्ते दिल की किताब लाया हूँ! वो एक सवाल जो तुमने कभी नही पूछा सजा के पलको पे इस का जवाब लाया हूँ! तुझको मुझसे नही,मेरी महोब्बत से गिला होगा ले देख मै खुलासा ए अबब लाया हूँ! दिल पे लगे जख्म तो सब मिटा चुका हूँ वैसे ये तो रूह के जख्मो का हिसाब लाया हूँ!! #OpenPoetry