Path कुछ ने अपनी जमीन कुछ ने अपने मकान और कुछ ने अपने रिश्तेदारों को खो दिया पर जो मैंने खोया था ना उसकी कीमत अदायगी आज तक ना हुई, मेरी पहली सी मोहब्बत जिस बंटवारे में बट गई झुर्रियों वाली उम्र में भी उसकी कमी पूरी ना हुई। जिस दिन हाथ छोड़े उसने कहा था यह सूरज हम दोनों के सर पर चमकेगा यह रात अपने साथ हम दोनों के लिए यादों की बारात लाएगी, मगर एक वो चांद और दूसरी उसकी तस्वीर आज तक किसी और को नसीब ना हुई।। जिन कुओं पर साथ बैठ हमने सरहदों से परे कुछ बातें की थी, उस मंजिल तक सन ४७ से आज तक राह ना हुई ।। उम्मीदों के सारे झामें उन कांटे वाले तारों से टकराए थे, गोलियों की आवाज में दबे फिर कोई इश्क वाली ना कोई राग हुई। और कितने की फाग बीते थे विरह में मगर बादल तो बहुत बरसे मगर वह वाली फिर बरसात ना हुई।। #Path #Division#love#hatred#destiny#loneliness