तेरी इन झुकी नज़रों से प्यार कर बैठा हूँ, जाने कैसे बिना आँखें देखे तुझपे ऐतबार कर बैठा हूँ और जब से सुना है कि कोई और है तेरे दिल में तब से एक खंजर अपने दिल के आर पार कर बैठा हूँ तो बोल अब क्या करूँ अगर तेरी इन झुकी नज़रों से मैं प्यार कर बैठा हूँ।। तेरी इन झुकी नज़रों से प्यार कर बैठा हूँ, जाने कैसे बिना आँखें देखे तुझपे ऐतबार कर बैठा हूँ और जब से सुना है कि कोई और है तेरे दिल में तब से एक खंजर अपने दिल के आर पार कर बैठा हूँ तो बोल अब क्या करूँ अगर तेरी इन झुकी नज़रों से मैं प्यार कर बैठा हूँ।।