किन आँखों से रोएँ किन होंठों से मुस्कुराएँ , कितना जख्म खाया है मैंने तेरे प्यार में कैसे तुम्हें बताएँ ।। शायद मैं नहीं हूँ अब तुम्हारे यादों में भी पर कितना प्यार है आज भी हमें तुमसे कैसे तुम्हें बताएँ ।। कभी कभी लगता है छीन लू तुम्हें तुम्हारे महबुब से, अब तुम्हीं बताओ इतना खत्ता कर कैसे तुमसे नजरें मिलाएँ ।। #अधूरी_बात #कृष्णा_शर्मा