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रोज सुबेरे आती हैं, देखन है मुसकाती हैं |

रोज सुबेरे आती हैं, देखन है मुसकाती हैं |
                          न सीधी ना टेड़ी दिखती ,लेकिन रोब दिखाती हैं |
जुल्फे  तेरी  मान  सरोवर,  नजरो  की  तू  है  रानी |
                               फिर भी  कहते हैं  कुछ मानी, कैसी है वो अभिमानी |

दुआ  मिले  वो मुझको ,रोज  दिखे  तू  मुझको |
                 तरसे  हैं  अब नैन हमारे ,उड़  गई है जो चैन हमारे |
तू  है  माधवपुर  की  रानी, मैं  शायर  शहजादा |
               उलझन  है  बस  तेरी, जो  डूबी  है  दरिया  मेंरी |

   सुन  बात  हमारी ,जो  मर्जी  है  वो  रीत  तुम्हारी|
                 देखन  तेरी  जो हवा उड़ाए, वो मुझे बिल्कुल न भाये|
पीड़ा होती मुझको जो तेरी, पता नहीं कैसी तू है छोरी |
               बस  एहसास  तुम्हारा है, बस तेरा ही ख्वाब हमारा है |


तू   जो  तितली  राजस्थानी ,में भंवरा  हूं  हिंदुस्तानी |
              तेरे  नाम  धरा  पर  देखे, मेरे नाम  गगन  पर  देखे |
बस एक राज हमारा है, जो  समझे  वह रूप तुम्हारा है |
                 बस  एक अल्फाज तुम्हारा , बस  एक जज्बात हमारा |

               
        काव्यांश🙏   💝गगन राज💝 रोज सुबेरे आती हैं, देखन है मुसकाती हैं |
न सीधी ना टेड़ी दिखती ,लेकिन रोब दिखाती हैं |
जुल्फे  तेरी  मान  सरोवर,  नजरो  की  तू  है  रानी |
फिर भी  कहते हैं  कुछ मानी, कैसी है वो अभिमानी |


दुआ  मिले  वो मुझको ,रोज  दिखे  तू  मुझको |
तरसे  हैं  अब नैन हमारे ,उड़  गई है जो चैन हमारे |
रोज सुबेरे आती हैं, देखन है मुसकाती हैं |
                          न सीधी ना टेड़ी दिखती ,लेकिन रोब दिखाती हैं |
जुल्फे  तेरी  मान  सरोवर,  नजरो  की  तू  है  रानी |
                               फिर भी  कहते हैं  कुछ मानी, कैसी है वो अभिमानी |

दुआ  मिले  वो मुझको ,रोज  दिखे  तू  मुझको |
                 तरसे  हैं  अब नैन हमारे ,उड़  गई है जो चैन हमारे |
तू  है  माधवपुर  की  रानी, मैं  शायर  शहजादा |
               उलझन  है  बस  तेरी, जो  डूबी  है  दरिया  मेंरी |

   सुन  बात  हमारी ,जो  मर्जी  है  वो  रीत  तुम्हारी|
                 देखन  तेरी  जो हवा उड़ाए, वो मुझे बिल्कुल न भाये|
पीड़ा होती मुझको जो तेरी, पता नहीं कैसी तू है छोरी |
               बस  एहसास  तुम्हारा है, बस तेरा ही ख्वाब हमारा है |


तू   जो  तितली  राजस्थानी ,में भंवरा  हूं  हिंदुस्तानी |
              तेरे  नाम  धरा  पर  देखे, मेरे नाम  गगन  पर  देखे |
बस एक राज हमारा है, जो  समझे  वह रूप तुम्हारा है |
                 बस  एक अल्फाज तुम्हारा , बस  एक जज्बात हमारा |

               
        काव्यांश🙏   💝गगन राज💝 रोज सुबेरे आती हैं, देखन है मुसकाती हैं |
न सीधी ना टेड़ी दिखती ,लेकिन रोब दिखाती हैं |
जुल्फे  तेरी  मान  सरोवर,  नजरो  की  तू  है  रानी |
फिर भी  कहते हैं  कुछ मानी, कैसी है वो अभिमानी |


दुआ  मिले  वो मुझको ,रोज  दिखे  तू  मुझको |
तरसे  हैं  अब नैन हमारे ,उड़  गई है जो चैन हमारे |

रोज सुबेरे आती हैं, देखन है मुसकाती हैं | न सीधी ना टेड़ी दिखती ,लेकिन रोब दिखाती हैं | जुल्फे तेरी मान सरोवर, नजरो की तू है रानी | फिर भी कहते हैं कुछ मानी, कैसी है वो अभिमानी | दुआ मिले वो मुझको ,रोज दिखे तू मुझको | तरसे हैं अब नैन हमारे ,उड़ गई है जो चैन हमारे | #Poetry #akash