निज व्यवहार में कुम्हार सा थपकी लगाइये। उर के आँगन में झाड़ू अबकी लगाइये। साफ करना हो अज्ञानता की मैल आपको, ज्ञान की गंगा में आप भी डुबकी लगाइये। #विश्वासी #चतुष्पदी