White एक शाम में यू ही लेट जाता हूं। सब बिखेर कर खुद को समेट लेता हूं। बंद करके आँखें, यू जागता रहता हूं। होकर भी तन्हा,महफूज़ दिखता हूं। एक नहीं हर रोज़ मैं यू ही सोता रहता हूं।। ©RAVI PARIHAR दोस्ती शायरी