कुछ ऐसा कर के जाना है , छुप जाना या छप जाना है, पंख फैला उड़ जाना है , क्षितिज के उस पार कहीं तक, पहुँच सांस फिर भरना है , कुछ काम बड़ा कर दुनिया को , कदमो में अपने झुकाना है , जीवन का कोई लक्ष्य बड़ा हो , मुश्किलों का पहाड़ खड़ा हो, हौसलों से उसे गिराना है, जिद तो है तुमसे मिलने की, बस अब तुमको ही पाना है , एक दिन हसते हसते हमको , मिट्टी में मिल जाना है . कुछ ऐसा कर के जाना है , छुप जाना या छप जाना है ... छुप जाना या छप जाना है