कहानी वो तन्हा सी,तन्हा रास्तो से, अपने ही खयालो में खोई सी, गुजर रही थी । गुनगुनाते थे कभी,जो गीत साथ-साथ, कानो में वो अब भी सुन रही थी । वो घर पर मेरे इंतज़ार में कुछ पल रुका तो होगा, मुझे देख फिर बाहों में तो भरेगा, उससे बिछड़ने का ग़म था या फिर कुछ पल मिलने की खुशी में वो , ना जाने फिर क्यूँ इक नई उम्मीद की कहानी बुन रही थी । हां वो तन्हा सी, अब भी, तन्हा रात में , तन्हा रास्तो पर, अपनी तन्हाई ढूंढ रही थी । शायद उस पल जो दिल की बात कह पाते तो । आज तुम ज़िन्दगी में होते मेरी कहानी में नही ।। #कहानी #तन्हाई #nojoto #nojotohindi #shabdanchal #poetry