मुठ्ठी भर दिन, चुटकी भर रातें जिन्दगी में नहीं, जिन्दगी भर पाते सैकडों चेहरे औ हजारों अदायें चेहरे पे चेहरा, हर चेहरा लगाये गठरी भर रिश्तें, पुटकी भर नाते जिन्दगी में नहीं, जिन्दगी भर पाते मुठ्ठी भर दिन....................................... सदियों किस्से तो वर्षों कथायें कहा-सुना पर, कह-सुन न पाये टोकरी भर शब्द, भौंकी भर बातें जिन्दगी में नहीं, जिन्दगी भर पाते मुठ्ठी भर दिन....................................... -विपिन कुमार सोनी #kavishsls