जुदाई का दर्द बेइंतहा अब सहा नहीं जाता है होकर जुदा तुमसे मुझ से अब रहा नहीं जाता है आ लौट कर, गले लगा मेरा इश्क़ मुकम्मल कर मरहम रख दर्द-ए-दिल पर ज़ज्बात मुकम्मल कर #VKpoetry54 *पोस्ट को हाईलाइट करना ना भूलें। #vkpoetry #collabwithvkpoetry 🏵️ कैप्शन को ध्यानपूर्वक पढ़कर रचना करें 👇