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जेल में डाल दो,चाहे तो बाल काटने पर गोलियां मार दो

जेल में डाल दो,चाहे तो बाल काटने पर गोलियां मार दो
मरने पर भी मेरी रूह यही कहे,बस ये हिजाब उतार दो

बेशर्मी कपड़ों से नहीं होती, होती तो तवायफें भी हैं हिजाब में
में क्या हूं कौन हूं मेरी पहचान को हिजाब नहीं स्वतन्त्र आधार दो तुमने देखा ही नहीं, पेड़ से पत्तों का गिरना,
सम्भल,ये पतझड़ तुझे भी काट कर गुजरेगा

13 सितंबर को हिजाब न पहनने की वजह से महसा अमीनी को मॉरल पुलिस ने हिरासत में लिया था। तीन दिन बाद यानी 16 सितंबर उनका शव परिवार को मिला। तब से 50 से ज्यादा शहरों में सरकार विरोधी हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं। हर शहर में महिलाएं मॉरल पुलिसिंग और हिजाब कानून के खिलाफ सड़कों पर उतर रही हैं। न तो वो हिजाब पहनने को तैयार हैं, न बाल ढकने को तैयार हैं और न ढीले ड्रेस पहनने का फरमान मानने को तैयार हैं।

ईरान में हिजाब विरोधी
जेल में डाल दो,चाहे तो बाल काटने पर गोलियां मार दो
मरने पर भी मेरी रूह यही कहे,बस ये हिजाब उतार दो

बेशर्मी कपड़ों से नहीं होती, होती तो तवायफें भी हैं हिजाब में
में क्या हूं कौन हूं मेरी पहचान को हिजाब नहीं स्वतन्त्र आधार दो तुमने देखा ही नहीं, पेड़ से पत्तों का गिरना,
सम्भल,ये पतझड़ तुझे भी काट कर गुजरेगा

13 सितंबर को हिजाब न पहनने की वजह से महसा अमीनी को मॉरल पुलिस ने हिरासत में लिया था। तीन दिन बाद यानी 16 सितंबर उनका शव परिवार को मिला। तब से 50 से ज्यादा शहरों में सरकार विरोधी हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं। हर शहर में महिलाएं मॉरल पुलिसिंग और हिजाब कानून के खिलाफ सड़कों पर उतर रही हैं। न तो वो हिजाब पहनने को तैयार हैं, न बाल ढकने को तैयार हैं और न ढीले ड्रेस पहनने का फरमान मानने को तैयार हैं।

ईरान में हिजाब विरोधी

तुमने देखा ही नहीं, पेड़ से पत्तों का गिरना, सम्भल,ये पतझड़ तुझे भी काट कर गुजरेगा 13 सितंबर को हिजाब न पहनने की वजह से महसा अमीनी को मॉरल पुलिस ने हिरासत में लिया था। तीन दिन बाद यानी 16 सितंबर उनका शव परिवार को मिला। तब से 50 से ज्यादा शहरों में सरकार विरोधी हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं। हर शहर में महिलाएं मॉरल पुलिसिंग और हिजाब कानून के खिलाफ सड़कों पर उतर रही हैं। न तो वो हिजाब पहनने को तैयार हैं, न बाल ढकने को तैयार हैं और न ढीले ड्रेस पहनने का फरमान मानने को तैयार हैं। ईरान में हिजाब विरोधी