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गुमनाम सफर पे हूं, गुमनाम से घर में हूँ। गुमानाम न

गुमनाम सफर पे हूं, गुमनाम से घर में हूँ। गुमानाम निशा बाकी, गुमनाम शहर में हूँ। गुमनाम से लोग यहां, गुमनाम सी बस्ती है। गुमनाम किनारें हैं, गुमनाम सी कश्ती है।

©Dilkhush Kumar
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