लिखना चाहूँ.. क्या लिखूँ ..सोचता हूँ फिर उसे याद कर यादें लिखता हूँ.. यादों में उसकी महक लिखता हूँ उसका दिया... गुलाबी सूखी पंखुड़ी लिखता हूँ..।। .. हेमंत कुमार मित्र