तक़दीर ने समझाया मुझको वे लोग तेरे काबिल नहीं जिन्होंने तेरे से बना ली दूरी हमने भी बोला ए! तक़दीर बुलंद हैं हमारे हौसले और इरादे किस्मत नहीं मोहताज मेरे हाथों की लकीरों के हम खुद ही अपना तक़दीर सँवारेगे कितना भी कोई सताए रुलाए सँवारते जायेंगे अपनी खुद की तक़दीर एक गर साथ तेरा मिल जाए तो अपना तक़दीर और जान तेरे पर लूटा देंगे। ♥️ Challenge-654 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।