Nojoto: Largest Storytelling Platform

एक बार निगाहें कर लीं आसमान की ओर और ललक उठ गई क

एक बार निगाहें कर लीं 
आसमान की ओर
और ललक उठ गई 
किसी तारे की,
उसके बाद ज़मीन में 
खिंची हुई लकीरें
ज़मीन में उठी हुई दीवारें
मिट्टी में बंधे हुए ढर्रे 
फिर किसको याद रहते हैं? 

वो अपने आप छूट जाते हैं!

©praveen dubey #aacharya
एक बार निगाहें कर लीं 
आसमान की ओर
और ललक उठ गई 
किसी तारे की,
उसके बाद ज़मीन में 
खिंची हुई लकीरें
ज़मीन में उठी हुई दीवारें
मिट्टी में बंधे हुए ढर्रे 
फिर किसको याद रहते हैं? 

वो अपने आप छूट जाते हैं!

©praveen dubey #aacharya