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तू बयाँ ना करे अपने होंठो से तो क्या , मैंने आँखों

तू बयाँ ना करे अपने होंठो से तो क्या ,
मैंने आँखों में तेरी मय सी गहराई देखी है ।

मेरे हिस्से में आती रहती है जो अमूमन ,
चुप रहकर करती है वो लड़ाई देखी है ।

तेरे संग हमेशा ही देखा खुद को और
तेरे संग करके मेहनत से पढ़ाई देखी है ।

थोड़ी चुलबुल सी और थोड़ी नखरीली सी ,
अदा के पीछे छुपी एक सादा परछाई देखी है ।

कातिल है तू यह मालूम है तुझे क्या ???
अपनी आँखों से मैंने तेरी अंगड़ाई देखी है ।

ये खुदा ने ही बख्शा है तुझे वरन कहाँ ,
तेरे रूप में मैंने अपनी कमाई देखी है ।
-- 🐼 #Gazhal
तू बयाँ ना करे अपने होंठो से तो क्या ,
मैंने आँखों में तेरी मय सी गहराई देखी है ।

मेरे हिस्से में आती रहती है जो अमूमन ,
चुप रहकर करती है वो लड़ाई देखी है ।

तेरे संग हमेशा ही देखा खुद को और
तेरे संग करके मेहनत से पढ़ाई देखी है ।

थोड़ी चुलबुल सी और थोड़ी नखरीली सी ,
अदा के पीछे छुपी एक सादा परछाई देखी है ।

कातिल है तू यह मालूम है तुझे क्या ???
अपनी आँखों से मैंने तेरी अंगड़ाई देखी है ।

ये खुदा ने ही बख्शा है तुझे वरन कहाँ ,
तेरे रूप में मैंने अपनी कमाई देखी है ।
-- 🐼 #Gazhal
shubham6499

Shubham

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