तू बयाँ ना करे अपने होंठो से तो क्या , मैंने आँखों में तेरी मय सी गहराई देखी है । मेरे हिस्से में आती रहती है जो अमूमन , चुप रहकर करती है वो लड़ाई देखी है । तेरे संग हमेशा ही देखा खुद को और तेरे संग करके मेहनत से पढ़ाई देखी है । थोड़ी चुलबुल सी और थोड़ी नखरीली सी , अदा के पीछे छुपी एक सादा परछाई देखी है । कातिल है तू यह मालूम है तुझे क्या ??? अपनी आँखों से मैंने तेरी अंगड़ाई देखी है । ये खुदा ने ही बख्शा है तुझे वरन कहाँ , तेरे रूप में मैंने अपनी कमाई देखी है । -- 🐼 #Gazhal