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मन तुम्हारा हुआ फिर हो ही गया तुम्हारे आँखों में

मन तुम्हारा हुआ फिर हो ही गया 
तुम्हारे आँखों में ये बस खो सा गया 
कब तलक यूँ ही हम अब जिंदा रहें
वो मरने की हमें इज़ाज़त नहीं दे गया
मन तुम्हारा हुआ फिर हो ही गया

हम अकेले हुए, जब से तुम बिन यहाँ
मन यूँ विचलित हुआ, तब से तुम बिन यहाँ
आसमां से उतर, धूप छनती रही 
वस्त्र ओढ़े रहे, रूह तपती रही
जाड़े की स्याह रात या हो दिन का कोई पहर
ओस गिरती रही, जिस्म कंपता रहा
हम अकेले हुए, जब से तुम बिन यहाँ
मन यूँ विचलित हुआ, तब से तुम बिन यहाँ

नैनों के द्वार पर कुछ मोती लिए 
पीर के आंसुओं को यूँ ही लिखते रहे
हर शहर में हैं अनगिन वो रातें जहां 
तुमको गाकर हम महफ़िलों में बिकते रहें
लौट आने की भी रचना रचाओ कभी
कलम कब तलक विष के घूँटों को पीता रहे
पीर के आंसुओं को यूँ ही लिखता रहे
तुमको गाकर यूँ महफ़िलों में बिकता रहे #yqdidi #yopowrimo #हिंदी #गीत #AlokJiWrites
मन तुम्हारा हुआ फिर हो ही गया 
तुम्हारे आँखों में ये बस खो सा गया 
कब तलक यूँ ही हम अब जिंदा रहें
वो मरने की हमें इज़ाज़त नहीं दे गया
मन तुम्हारा हुआ फिर हो ही गया

हम अकेले हुए, जब से तुम बिन यहाँ
मन यूँ विचलित हुआ, तब से तुम बिन यहाँ
आसमां से उतर, धूप छनती रही 
वस्त्र ओढ़े रहे, रूह तपती रही
जाड़े की स्याह रात या हो दिन का कोई पहर
ओस गिरती रही, जिस्म कंपता रहा
हम अकेले हुए, जब से तुम बिन यहाँ
मन यूँ विचलित हुआ, तब से तुम बिन यहाँ

नैनों के द्वार पर कुछ मोती लिए 
पीर के आंसुओं को यूँ ही लिखते रहे
हर शहर में हैं अनगिन वो रातें जहां 
तुमको गाकर हम महफ़िलों में बिकते रहें
लौट आने की भी रचना रचाओ कभी
कलम कब तलक विष के घूँटों को पीता रहे
पीर के आंसुओं को यूँ ही लिखता रहे
तुमको गाकर यूँ महफ़िलों में बिकता रहे #yqdidi #yopowrimo #हिंदी #गीत #AlokJiWrites
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Alok Agarwal

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