मेरी नींद छीन रखी है ओ कान्हा! तुम्हारी यादों ने। दिल को अपना बना के रखा है कान्हा तुम्हारी बातों ने। क्यों बिसराए बैठे हो कान्हा! अपनी इस जोगन को। दिन रात ही डूबी रहती है कान्हा ये तुम्हारे ख्वाबों में। अब तो सुध ले लो मेरी मोहन! हम बस तेरे दीवाने हैं। जलते रहते प्यार में तेरे हम, बस तेरे ही परवाने हैं। कैसे जी पाऊंगी ओ कान्हा! मैं तेरे दर्शन के बिन। आस लगाए बैठे हैं जाने निर्मोही तुम कब आओगे। क्यों मुझको प्रेम का रोग लगाया काहे मेरी प्रीत जगाई। जब बन के रहना नहीं था मेरा तो काहे इतनी प्रीत बढ़ाई। तेरे प्रेम की विरह में जलता है दिल, आकर शीतल कर दो। अपने प्रेम के अमृत से मेरा खाली प्रेम का पैमाना भर दो। प्रेम सिखा कर मुझको तुम क्यों अपना मुख मोड़े हो। कोई और प्रिय है तुमको क्या? जो यूं हमको छोड़े हो। कैसे मन की पीर दिखाऊं तुमको कैसे मैं बतलाऊं। अंतर्यामी होकर भी तुम अंजान बने क्यों फिरते हो? -"Ek Soch" #tumhariyaad #competitionsbymanavi #yqdidi #yqquotes #love #krishna #krishnalove Time limit till 06:00 tommorow evening... No word limit You have to maintain these hashtags Kindly keep the bell icon on to get recent updates... Results will be out tomorrow along with new topic...