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मैं खुल के हंस तो रहा हूं फकीर होते हुए। वह मुस्क

मैं खुल के हंस तो रहा हूं फकीर होते हुए।
 वह मुस्कुरा न पाया अमीर होते हुए ।
तू समझता है कि रिश्तो की दुहाई देंगे,
 तू समझता है कि रिश्तो की दुहाई देंगे।
 हम तो वह हैं जो मरकर भी तेरे चेहरे पर दिखाई देंगे।
#5Line Poetry

©Ramgopal Singh चेहरे पर दिखाई देंगे।

#hangout
मैं खुल के हंस तो रहा हूं फकीर होते हुए।
 वह मुस्कुरा न पाया अमीर होते हुए ।
तू समझता है कि रिश्तो की दुहाई देंगे,
 तू समझता है कि रिश्तो की दुहाई देंगे।
 हम तो वह हैं जो मरकर भी तेरे चेहरे पर दिखाई देंगे।
#5Line Poetry

©Ramgopal Singh चेहरे पर दिखाई देंगे।

#hangout

चेहरे पर दिखाई देंगे। #hangout #कविता #5line